अधिक अणु भार वाले वे यौगिक जो कम अणुभार वाले एक या एक से अधिक प्रकार के बहुत से अणुओं के संयोजन से बनते हैं तथा जिनके बीच सहसंयोजक बन्ध होते हैं, बहुलक कहलाते है।
बहुलक के प्रकार
बहुलक दो प्रकार के होते हैं, प्राकृतिक बहुलक एवं कृत्रिम बहुलक
A.प्राकृतिक बहुलक किसे कहते हैं
यदि कोई बहुलक प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होता हैं,तो उसे प्राकृतिक बहुलक कहते हैं जैसे-कॉटन एवं जूट पौधों से जबकि उन एवं रेशम जन्तुओं से प्राप्त होते हैं।
प्राकृतिक बहुलक के उदाहरण
विभिन्न प्राकृतिक बहुलक नीचे दिए गए हैं।
1.कपास (Cotton)
यह कपास पादपों से प्राप्त होती है जिनकी वृद्धि के लिए गर्म वातावरण गुजरात की काली मिट्टी वाले क्षेत्रों की आवश्यकता होती है। यह पादपों के फलों से प्राप्त होती है।
2. जूट (Jute)
यह एक बहुलक है जिसे जूट के पौधों के तने से प्राप्त किया जाता है। इसे हमारे देश में बिहार, पश्चिम बंगाल एवं असम में उगाया जाता है। कुछ दिनों के लिए तनों को पानी में डुबोकर रखा जाता है जिससे कि रेषे हाथों से अलग किए जा सकें।
3.उन (Wool)
उन को प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम विशेष रूप से भेड़ों को चुना जाता है जिन पर मुलायम, अच्छे बालों की मोटी परत पाई जाती है। भेड़ की त्वचा से बालों की उपरी परत को पृथक कर लिया जाता है। भिन्न संरचना वालें बालों को चुना जाता है बालों को पुन बारीकी से देखकर सुखाते हैं जिसे उन कहते हैं।
पशमीना उन (Pashmina wool)– भारत में सबसे अच्छा पशमीना जम्मू और कश्मीर में मिलता हैं। पशमीना उन भेड़ से प्राप्त किया जाता है। पशमीना भेड का एक बाल हमारे बाल का 1/6 पतला होता हैं। पशमीना शाल 6 स्वेटरो के समान होता है।
अंगोरा ऊन (Angora wool) – यह भी अंगोरा प्रजाति की बकरी से प्राप्त किया जाता हैं।
4.रेशम (silk)
रेशम के रेषों को रेशम कीट से प्राप्त किया जाता है। रेशम को प्राप्त करने के लिए इनके वर्ग का पालन ’सेरीकल्चर’ कहलाता है। रेशम के कीट को शहतूत के पत्तों पर पाला जाता है। रेशम का कीड़ा अपनी मादा को उसकी गंध से कई किलोमीट्र दूर से पहचान लेता हैं।
B.कृत्रिम बहुलक किसे कहते हैं
यह उच्च अणुभार वाले बहुलक होते हैं, जो रेषों के रूप में मिलते हैं इन्हें धागो के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।रेयान, नायलॉन, पॉलिएस्टर आदि, कृत्रिम या मानव निर्मित रेषे टिकाउ, सस्ते, आसानी से उपलब्ध, आसान मरम्मत एवं जल्दी से पूरी तरह से सूख जाते हैं।
कृत्रिम बहुलक के उदाहरण
कुछ प्रमुख कृत्रिम रेषे निम्न हैं।
1. रेयॉन बहुलक किसे कहते हैं
इसे प्राकृतिक कच्चे पदार्थों जैसे सेलुलोस का रासायनिक उपचार करके बनाया जाता है। यह रेशम के समान प्रतीत होता है तथा रूई के जैसा होता है। रेयॉन कृत्रिम सिल्क कहलाता है। यह रेषम की तुलना में सस्ता होता है।
2.नायलॉन बहुलक किसे कहते हैं
यह प्रथम पूर्णतया कृत्रिम रेषा है। इसमें एमाइड समूह युक्त बहुलकों का समूह होता है, इसे पॉलीएमाइड भी कहते हैं। एक नायलॉन का धागा वास्तव में समान मोटाई के एक स्टील के तार से मजबूत होता है। इसका प्रयोग रस्सियों, टेन्ट, टूथब्रष, कार सीट, बेल्ट, परदे, मोजें, पैरासूट, आदि को बनाने में होता है।
3.पॉलीएस्टर बहुलक किसे कहते हैं
इन रेषों में एस्टर समूह होता है। इसमें आसानी से सलवटें नहीं पड़ती हैं तथा यह कड़क रहते हैं, अत: इन्हें आसानी से धो सकते हैं। टेरिलीन एक प्रकार का पॉलीएस्टर है, इसमें दो इकाइयॉं, एथीलीन ग्लाइकॉल एवं टेरेफ्थैलिक अम्ल होती हैं।
4.प्लास्टिक बहुलक किसे कहते हैं
रेषे की तरह प्लास्टिक भी एक बहुलक है। सभी प्लास्टिकों में इकाइयों की व्यवस्था एक ही प्रकार की नहीं होती । कुछ में यह रेखीय होती है, तो अन्य में यह तिर्यकबद्ध, क्रासबद्ध होती है । भिन्न-भिन्न व्यवस्थाओं के कारण प्लास्टिक उच्च ताप पर भिन्न-भिन्न प्रकार के गुण है एवं इसे निम्न प्रकार वर्गीकरण किया जा सकता हैं
प्लास्टिक के गुण
प्लाटिक अक्रिय एवं जंगरोधी होती हैं यह हल्की, मजबूत, टिकाउ होती है। प्लास्टिक में अनेक गुण होते हैं परन्तु यह वातावरण के लिए हानिकारक है इसके कारण प्रदूषण होता है। अत: हमें इसका प्रयोग जितना हो सके नहीं करना चाहिए।
5.रबड
रबड एक प्राकृतिक बहुलक है। यह रबड के लैटेक्स से प्राप्त किया जाता है, जोकि रबड का जल में कोलॉइडी विलयन होता है। यह दो प्रकार की होती है प्राकृतिक तथा संष्लेशित प्राकृतिक रबड आइसोप्रीन का समपक्ष बहुलक है। संश्लेषित रबर के उदाहरण निओप्रीन रबर तथा थाइकॉल रबर हैं
रबड़ का वल्कनीकरण
इस प्रक्रिया में अपरिष्कृत रबर को इसके गुणों- जैसे प्रतिरोध और प्रत्यास्थ को सुधारने के लिए सल्फर के साथ गर्म किया जाता है। प्राप्त वल्कनीकृत रबर मजबूत, रसायनों के प्रति अधिक प्रतिरोधी तथा उच्च ताप सहन करने वाली होती हैं
तापसुनस्य बहुलक किसे कहते हैं
गर्म करने पर पिघल जाते हैं और ठण्डा करने पर पुन: ठोस अवस्था ग्रहण कर लेते हैं। इन्हें पिघलाकर, विभिन्न सॉचों में डालकर मनपसंद आकृति में ढाला जा सकता है। जैसे-पॉलिथिन, पॉलिस्टाइरीन, पॉलीवाइनिल क्लोराइड, आदि ।
तापद्रढ़ बहुलक किसे कहते हैं
ये बहुलक अर्द्ध-तरल (semi-fluid) पदार्थों से बनाए जाते हैं। इन अर्द्ध-तरल पदार्थों को निष्चित आकृति के सॉचे में डालकर, गर्म करने पर इनमें रासायनिक परिवर्तन हो जाता है। जिससे ये कठोर, अज्वलनशील, अगलनीय व अघुलनशील पदार्थ में बदल जाते हैं, जिसे तापद्रढ़ बहुलक कहते हैं। इनमें यह परिवर्तनगर्म करने पर अत्यधिक संख्या में तिर्यक बन्ध बनने के कारण होता है जैसे- बैकेलाइट मेलैमाइन, आदि।
बहुलक का उपयोग
बहुलक का उपयोग निम्नलिखित है
1.पॉलीएथिलीन या पॉलीथीन
ये प्लास्टिक बैग, विद्युतरोधन, रेफ्रिजरेटर, कोट, आदि बनाने के काम आता है।
2.पॉलीवाइनिक क्लोराइड
यह प्लास्टिक पाइप, ग्रामोफोन रिकॉर्ड, हैण्ड बैग, जूते, कोट, इन्सुलेटर, आदि में प्रयोग किया जाता है।
3.पॉलीस्टाइरीन बहुलक किसे कहते हैं
इसकी एकलक इकाई स्टाइरीन है। ये सफेद थर्मोप्लास्टिक पदार्थ है। इसका प्रयोग खिलौने, रेडियों एवं टीवी के केबिनेट, रेफ्रीजरेटर के अस्तर, आदि बनाने में किया जाता है।
4.टेफलॉन बहुलक किसे कहते हैं
पॉलीट्रेटा फ्लुओरो एथिलीन द्ध-इसमें एकलक इकाई ट्रेटाफ्लुओरो एथीलीन होती है। यह बहुत कठोर पदार्थ है। यह विद्युत का अच्छा चालक नहीं होता। यह सान्द्र अम्लों के भाण्डारण, प्रेषर कुकर के गेस्केट, आदि बनाने में प्रयोग किया जाता है। इससे बिना चिपकाने वाले बर्तन बनाए जाते हैं।
5.बैकेलाइट, फीनॉल फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन बहुलक किसे कहते हैं
बहुलक हैं यह पेन, कंघे, बिजली के स्विच, बिजली की फिटिंग ऑटोमोबाइल में, बिजली के उपकरण में प्रयोग किया जाता है।
6.फोम के गद्दे व तकिए
पॉलियूरेथेन नामक बहुलक से बनाए जाते हैं सौर सेलों को बनाने में, अर्ध चालक प्रवृत्ति रखने वाली धातुओं, जैसे सिलिकॉन, गैलियम, जर्मेनियम, आदि का उपयोग किया जाता है। निष्क्रिय धातुओं जैसे प्लेटिनिम, आदि का प्रयोग नहीं करते हैं।
बहुलक के दोष बताइए
प्लास्टिक का प्रयोग सामान्यतया पॉलीथीन बैग के रूप में होता है, इन्हें आसानी से नष्ट नही किया जा सकता है । यह पर्यावरण में 100 वसों तक अपघटित नहीं होती हैं इसे जलाने पर विसेली गैसें निकलती हैं। जानवरों द्वारा पॉलीबैग खाने के बाद उनकी ऑतों में रूकवट आ जाती है। अत: यह आवश्यक है कि हम ऐसे पदार्थों को खोजें जो इसे प्रतिस्थापित कर सकें एवं जैवनिम्नीकृत हो।
1-जैवनिम्नीकृत (Biodegraded)
वे पदार्थ जो सूक्ष्म जीवों जैसे-बैकटीरिया द्वारा विघटित किए जा सकते हैं। जैवनिम्नीकृत कहलाते हैं, उदाहरण- सब्जियॉ पेपर, लकडी़, सूती वस्त्र, आदि।
2-जैव-अनिम्नीकृत (non-Biodegraded)
ऐसे पदार्थ जो सूक्ष्म जीवों द्वारा अपघटित नहीं किए जा सके जैव-अनिम्नीकृत कहलाते हैं। जैसे-प्लास्टिक, अधातु, आदि।
बहुलक किसे कहते हैं in Hindi
बहुलक किसे कहते हैं हिंदी में
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