जब प्रकाश की किरण तिरछी गमन करती हुई एक पारदर्शी माध्यम से दसूरे में प्रवेश करती है तो यह दूसरे माध्यम में अपनी दिशा परिवर्तित कर लेती है। किन्हीं दिए हुए माध्यमों के युग्म के लिए होने वाले दिशा परिवर्तन के विस्तार को अपवर्तनांक के कहते हैं। हीरे का अपवर्तनांक 2.42 होता है
अपवर्तनांक को एक महत्वपूर्ण भौतिक राशि, विभिन्न माध्यमों में प्रकाश के संचरण की आपेक्षिक चाल से संबद्ध किया जा सकता है। यह देखा गया है कि विभिन्न माध्यमों में प्रकाश अलग अलग चालों से संचरित होता है।
निर्वात में प्रकाश 3 × 108 m/s की चाल से चलता है, जो कि प्रकाश की किसी भी माध्यम में हो सकने वाली अधिकतम चाल है। वायु में प्रकाश की चाल निर्वात की अपेक्षा थोड़ी ही कम होती है। काँच या पानी में यह पर्याप्त रूप से घट जाती है। दो माध्यमों के युग्म के लिए अपवर्तनांक का मान दोनों माध्यमों में प्रकाश की चाल पर निर्भर है।
अपवर्तनांक का फार्मूला
एक प्रकाश की किरण पर विचार करें, जो माध्यम 1 से माध्यम 2 में प्रवेश कर रही है। मान लीजिए कि प्रकाश की चाल माध्यम 1 में v1 तथा माध्यम 2 में v2 है। माध्यम 2 का माध्यम 1 के सापेक्ष अपवर्तनांक, माध्यम1 में प्रकाश की चाल तथा माध्यम 2 में प्रकाश की चाल के अनुपात द्वारा व्यक्त करते हैं। इसे प्राय: संकेत n21 से नि रूपित करते हैं। इसे समीकरण के रूप में निम्नलिखित प्रकार से व्यक्त करते हैं
n21= माध्यम 1 में प्रकाश की चाल/ माध्यम 2 में प्रकाश की चाल = v1/v2
इसी तर्क से माध्यम 1 का माध्यम 2 के सापेक्ष अपवर्तनांक n12 से निरूपित करते हैं। इसे व्यक्त किया जाता है-
N12 = माध्यम 2 में प्रकाश की चाल/ माध्यम 1 में प्रकाश की चाल = v2/v1
निरपेक्ष अपवर्तनांक किसे कहते हैं
यदि माध्यम 1 निर्वात या वायु है, तब माध्यम 2 का अपवर्तनांक निर्वात के सापेक्ष माना जाता है। यह माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक कहलाता है। यह केवल n2 से निरूपित किया जाता है।
यदि वायु में प्रकाश की चाल v है तथा माध्यम में प्रकाश की चाल c है तब माध्यम का अपवर्तनांक Nm होगा
Nm = वायु में प्रकाश की चाल / माध्यम में प्रकाश की चाल = c/v
माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक केवल अपवर्तनांक कहलाता है।
सारणी में अनेक माध्यमों के अपवर्तनांक दिए गए हैं। सारणी से आपको ज्ञात होगा कि जल का अपवर्तनांक, Nw=1.33 है। इसका अर्थ है कि वायु में प्रकाश का वेग तथा जल में प्रकाश के वेग का अनुपात 1.33 है। इसी प्रकार क्राउन काँच का अपवर्तनांक, Ng= 1.52 होता है। ऐसे आँकड़े अनेक स्थानों पर उपयोगी हैं।
कुछ द्रव्यात्मक माध्यमों के निरपेक्ष अपवर्तनांक
किसी माध्यम की प्रकाश को अपवर्तित करने की क्षमता को इसके प्रकाशिक घनत्व के द्वारा भी व्यक्त किया जा सकता है। प्रकाशिक घनत्व का एक निश्चित संपृक्तार्थ (Connotation) होता है। यह द्रव्यमान घनत्व के समान नहीं है। इस अध्याय में हम विरल माध्यम तथा सघन माध्यम शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। वास्तव में इनका अर्थ क्रमशः प्रकाशिक विरल माध्यम तथा प्रकाशिक सघन माध्यम है। हम कब कह सकते हैं कि कोई माध्यम दूसरे माध्यम की अपेक्षा प्रकाशिक सघन है? दो माध्यमों की तुलना करते समयए अधिक अपवर्तनांक वाला माध्यम दूसरे की अपेक्षा प्रकाशिक सघन है।
दूसरा कम अपवर्तनांक वाला माध्यम प्रकाशिक विरल माध्यम है। विरल माध्यम में प्रकाश की चाल सघन माध्यम की अपेक्षा अधिक होती है। अतः विरल माध्यम से सघन माध्यम में गमन करने वाली प्रकाश की किरण धीमी हो जाती है तथा अभिलंब की ओर झुक जाती है। जब ये सघन माध्यम से विरल माध्यम में गमन करती है तो इसकी चाल बढ़ जाती है तथा यह अभिलंब से दूर हट जाती है।
प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक ज्ञात करना
प्रिज्म कोण A, अपवर्तनांक n2 के किसी प्रिज्म के लिए जो n1 अपवर्तनांक के किसी माध्यम में रखा है।
n21= n2/n1= Sin[(A+Dm)/2]/Sin(A/2)
यहाँ Dm न्यूनतम विचलन कोण है।
अपवर्तनांक किसे कहते हैं FAQ
हीरे का अपवर्तनांक कितना होता है
हीरे का अपवर्तनांक 2.42 होता है
सघन फ्रिलंट कांच का अपवर्तनांक अधिकतम होता है
सघन फ्रिलंट कांच का अपवर्तनांक अधिकतम 1.62 होता है
पानी का अपवर्तनांक कितना होता है
पानी का अपवर्तनांक 1.33 होता है
क्राउन कांच का अपवर्तनांक कितना होता है
क्राउन कांच का अपवर्तनांक 1.52 होता है
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