कार्बोहाइड्रेट क्या है उदाहरण सहित इसका वर्गीकरण कीजिए

यह पौधों तथा जन्तुओं में कार्बोहाइडे्ट्स के रूप में संगृहीत होता है। मण्ड जैसे कार्बोहाइडे्ट्स का पाचन मुख में ही प्रारम्भ हो जाता हैं। कार्बोहाइड्रेट मुख्यतया पौधों द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं तथा प्राकृतिक कार्बनिक यौगिकों का वृहत समूह बनाते हैं। कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर हेतु मुख्य उर्जा के स्त्रोत होते हैं । ये ऑक्सीकरण के पश्चात शरीर में उर्जा उत्पन्न करते हैं। कार्बोहाइड्रेट के कुछ सामान्य उदाहरण- सर्करा, ग्लूकोस तथा स्टार्च (मंड) आदि हैं।

कार्बोहाइड्रेट की परिभाषा

कार्बोहाइड्रेट्स एक प्रकार का पोषक तत्व होता है जो हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है। ये शरीर को तुरंत ऊर्जा उपलब्ध कराते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स एक सरल रूप से भोजन के रूप में हमारे दैनिक आहार का हिस्सा होते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत होते हैं। अनाज, दाल, चावल, रोटी, नूडल्स आदि कार्बोहाइड्रेट्स के अच्छे स्त्रोत होते हैं।

1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट-17 किलोजूल या 4 किलो कैलोरी जूल

कार्बोहाइड्रेट के कार्य

कार्बोहाइड्रेट की अत्यधिक मात्रा लेने से पाचन तन्त्र सम्बन्धी रोग हो जाते हैं। चावल या अन्य खाद्य योग्य अनाज को पकाने से पूर्व धोया जाता है, लेकिन बहुत बार धोने से इसमें जल में घुलनषील कार्बोहाइड्रेट की कमी हो जाती है। जीवित कोषिकाएं रक्त से ग्लूकोज का अवशोषण करती हैं। एक वयस्क को प्रतिदिन 500 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, जबकि बढ़ते हुए बच्चे, खिलाड़ी आदि को अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है।

कार्बोहाइड्रेट आपके शरीर के लिए विभिन्न कार्यों का संचार करते हैं। ये आपके शरीर के मुख्य ऊर्जा स्त्रोत के रूप में काम करते हैं और आपके शरीर को शक्ति प्रदान करते हैं। कार्बोहाइड्रेट आपके शरीर में ग्लुकोज बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं, जो आपके शरीर के अलग-अलग अंगों तक पहुंचता है और उन्हें ऊर्जा प्रदान करता है।

इसके अलावा, कार्बोहाइड्रेट शरीर के दूसरे ऊर्जा स्रोतों को भी संभालते हैं। इससे आपके शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली, अवयवों के निर्माण, और अन्य शारीरिक कार्यों में सहायता मिलती है।अगर आप अपने शरीर के लिए सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेते हैं, तो ये आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इससे आपकी ऊर्जा का स्तर बना रहता है, आप फिट रहते हैं, और आपका शरीर संतुलित रहता है ।

कार्बोहाइड्रेट के स्रोत

कार्बोहाइड्रेट के स्रोत

अनाज: अनाज जैसे चावल, गेहूं, जौ, मक्का, राजमा, मूंगफली आदि कार्बोहाइड्रेट के अच्छे स्रोत होते हैं।

फल और सब्जियां: फलों और सब्जियों में भी कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जैसे कि आम, केला, सेब, नाशपाती, गाजर, मूली, शलगम, बीटरूट, आलू, प्याज, टमाटर, आदि।

दूध और दूध से बनी चीजें: दूध और दूध से बनी चीजें भी कार्बोहाइड्रेट्स के अच्छे स्रोत होती हैं, जैसे कि दही, पनीर, घी, मक्खन, आदि।

दालें और फलियां: दालें और फलियां भी कार्बोहाइड्रेट के अच्छे स्रोत होती हैं, जैसे कि चना, मूंग, उरद, लोबिया, राजमा आदि।

सेलुलोस: यह पौधे की कोषिका भित्ति में पाया जाता है। कपास एवं कागज शुद्ध सेलुलोस के बने होते हैं। पशुओं में सेलुलोस का पाचन होता है परन्तु मनुष्य में इसका पाचन नहीं होता है  

शर्करा: यह मीठा सफ़ेद क्रियस्टीय पदार्थ होता है। यह जल में घुलनषील होती है। मुख्यतया फलों में पाया जाता है।

र्स्टाच: रासायनिक रूप से यह एमाइलोज एवं एमाइलोपेक्टिन का मिश्रण है जिसमें इनका अनुपात 1:4 होता है।

स्टार्च परीक्षण

खाद्य वस्तु में स्टार्च की उपस्थिति का परीक्षण उसमें 2-3 बूंद तनु आयोडीन विलयन को डालकर करते हैं। यदि यह नीला-काला हो जाता है, तो उसमें स्टार्च उपस्थित है। स्टार्च खाद्य पदार्थ: जैसे-आलू, ब्रेड तथा चावल, आदि में पाया जाता है।

कार्बोहाइड्रेट का सूत्र

कार्बोहाइड्रेट का सूत्र Cn(H2O)n होता है जहॉ n कार्बन परमाणुओं की संख्या होती है। इनमें से अधिकांश का सामान्य सूत्र Cx(H20)y होता है तथा पहले इन्हें कार्बन के हाइड्रेट माना जाता था जिसके कारण इनका नाम कार्बोहाइड्रेट व्युत्पन्न हुआ। उदाहरणार्थ ग्लूकोस का सूत्र C2(H20)2 यहाँ दिए सामान्य सूत्र C6(H2O)6 के अनुरूप है। परंतु वे सभी यौगिक जो इस सूत्र के अनुरूप हैं, कार्बोहाइड्रेट के रूप में वर्गीकृत नहीं किए जा सकते। जैसे कि ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) का सूत्र इस सामान्य सूत्र C2(H2O)2 में सही बैठता है परंतु यह कार्बोहाइड्रेट नहीं है।  इसी प्रकार रैम्नोस (C6H12O5) एक कार्बोहाइड्रेट है परंतु इस परिभाषा में सही नहीं बैठता।

अधिकांश अभिक्रियाएं यह प्रदर्शित करती हैं कि इनमें एक विशिष्ट प्रकार्यात्मक समूह होता है। रासायनिक रूप से, कार्बोहाइड्रेटों को ध्रुवण घूर्णक पॉलिहाइड्रॉक्सी ऐल्डिहाइड अथवा कीटोन अथवा उन यौगिकों की तरह परिभाषित किया जा सकता है जो जलअपघटन के उपरांत इस प्रकार की इकाइयाँ देते हैं। कुछ कार्बोहाइड्रेटों को जो स्वाद में मीठे होते हैं, सर्करा कहते हैं। घरेलू उपयोग में आने वाली सामान्य सर्करा को सूक्रोस कहते हैं। जबकि दुग्ध में पाए जाने वाली सर्करा को दुग्ध-सर्करा या लैक्टोस कहते हैं। कार्बोहाइड्रेटों को सैक्राइड भी कहते हैं।

कार्बोहाइड्रेट के प्रकार

कार्बोहाइड्रेटों को जल अपघटन में उनके व्यवहार के आधार पर मुख्यतः निम्नलिखित तीन प्रकार में वर्गीकृत किया गया है

A. मोनोसैक्राइड

वे कार्बोहाइड्रेट जिसको पॉलिहाइड्राक्सी ऐल्डिहाइड अथवा कीटोन के और अधिक सरल यौगिकों में जल अपघटित नहीं किया जा सकता, मोनोसैक्राइड कहलाते हैं। लगभग 20 मोनोसैक्राइड प्रकृति में ज्ञात हैं। इसके कुछ सामान्य उदाहरण ग्लूकोस, फ्रुक्टोज, राइबोस आदि हैं।

B.ओलिगोसैक्राइड

वे कार्बोहाइड्रेट जिनके जल अपघटन से मोनोसैक्राइड की दो से दस तक इकाइयाँ प्राप्त होती हैं, ओलिगोसैक्राइड कहलाते हैं। जल अपघटन से प्राप्त मोनोसैक्राइडों की संख्या के आधार पर इन्हें पुनः डाइसैक्राइड, ट्राइसैक्राइड, टेट्रासैक्राड आदि में वर्गीकृत किया गया है। इनमें से डाइसैक्राइड प्रमुख हैं। डाइसैक्राड के जलअपघटन से प्राप्त दो मोनोसैक्राइड इकाइयाँ समान अथवा भिन्न हो सकती हैं। उदाहरणार्थ, सूक्रोस का एक अणु जल अपघटन द्वारा ग्लूकोस व फ्रुक्टोज की एक-एक इकाई देता है, जबकि माल्टोस से प्राप्त दोनों इकाइयाँ केवल ग्लूकोस की होती हैं।

C.पॉलिसैक्राइड

वे कार्बोहाइड्रेट जिनके जल अपघटन पर अत्यधिक संख्या में मोनोसैक्राइड इकाइयाँ प्राप्त होती हैं, पॉलिसैक्राइड कहलाते हैं। इसके कुछ प्रमुख उदाहरण स्टार्च, सेलुलोस, ग्लाइकोजन तथा गोंद आदि हैं। पॉलिसैक्राइड स्वाद में मीठे नहीं होते अतः इन्हें सर्करा भी कहते हैं।

कार्बोहाइड्रेट को अपचायी एवं अनपचायी सर्करा में भी वर्गीकृत किया जा सकता है। उन सभी कार्बोहाइड्रेटों को जो फेहलिंग विलयन तथा टॉलेन अभिकर्मक को अपचित कर देते हैं, अपचायी सर्करा कहा जाता है। सभी मोनोसैक्राइड चाहे वे ऐल्डोस हों अथवा  कीटोस, अपचायी सर्करा होती है।

कार्बोहाइड्रेट के लाभ

कार्बोहाइड्रेट पौधों तथा प्राणियों में जीवन के लिए आवश्यक होते हैं। ये हमारे भोजन का प्रमुख भाग होते हैं। चिकित्सा की आयुर्वेद प्रणाली में ऊर्जा में तात्कालिक स्रोत के रूप में वैद्यों द्वारा शहद का उपयोग किया जाता रहा है। कार्बोहाइड्रेट अणु वनस्पतियों में स्टार्च के रूप में एवं जंतुओं में ग्लाइकोजन के रूप में संचित होते हैं। जीवाणुओं एवं पौधों की कोशिका भित्ति सेलुलोस की बनी होती है। लकड़ी के रूप में प्राप्त सेलुलोस से हम फर्नीचर आदि बनाते हैं तथा सूती रेशों के रूप में प्राप्त सेलुलोस से हमारे वस्त्र बनते हैं। अनेक प्रमुख उद्योगों जैसे वस्त्र, कागज़ उद्योग इत्यादि के लिए इनसे कच्चा माल उपलब्ध होता है।

न्युक्लीक अम्ल में दो ऐल्डोपेन्टोस यथा D-राइबोस तथा 2-डीऑक्सीराइबोस उपस्थित होती हैं। जैव-तंत्र में कार्बोहाइड्रेट अनेक प्रोटीनों तथा लिपिडों के साथ संयुक्तावस्था में मिलते हैं।

कार्बोहाइड्रेट सबसे ज्यादा किस चीज में पाया जाता है

कार्बोहाइड्रेट सबसे ज्यादा अनाज, दाल, चावल, रोटी, नूडल्स आदि में पाया जाता है । एक वयस्क को प्रतिदिन 500 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, जबकि बढ़ते हुए बच्चे, खिलाड़ी आदि को अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है ।

कार्बोहाइड्रेट कौन सी सब्जी में पाया जाता है?

कार्बोहाइड्रेट  गाजर, मूली, शलगम, बीटरूट, आलू, प्याज, टमाटर, आदि सब्जी में पाया जाता है ।

शरीर में कार्बोहाइड्रेट बढ़ने से क्या होता है

शरीर में कार्बोहाइड्रेट बढ़ने पाचन तन्त्र सम्बन्धी रोग हो जाते हैं । चावल या अन्य खाद्य योग्य अनाज को पकाने से पूर्व धोया जाता है, लेकिन बहुत बार धोने से इसमें जल में घुलनषील कार्बोहाइड्रेट की कमी हो जाती है ।

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