प्रोटीन शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग जे बर्जीलियस ने किया था । मानव शरीर का लगभग 15% भाग प्रोटीन से ही निर्मित होता है । उर्जा उत्पादन एवं शरीर की मरम्मत दोनों कार्यों के लिए प्रोटीन उत्तरदायी होता है। मनुष्य के शरीर में 20 प्रकार के प्रोटीन्स की आवश्यकता होती है, जिसमें से 10 का संष्लेशण शरीर स्वंय करता है तथा शेष 10 भोजन के द्वारा प्राप्त होती हैं । प्रोटीन की दैनिक आवश्यकता 70-100 ग्राम है । प्रोटीन जैव रासायनिक यौगिक हैं, जिनमें एक या अधिक पॉलीपेप्टाइड निश्चित क्रम में व्यवस्थित होते हैं
प्रोटीन क्या है
प्रोटीन एक महत्वपूर्ण मौल्यवान पौष्टिक तत्व है जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होता है। प्रोटीन एक मौल्यवान शरीरिक ऊर्जा स्रोत है जो शरीर के समस्त ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करता है । प्रोटीन की धातु शरीर में विभिन्न कार्यों के लिए उपयोग में आती हैं, जैसे कि शरीर के अंगों का निर्माण, त्वचा और बालों के रखरखाव, मस्तिष्क की क्रियाओं को नियंत्रित करना, और रक्त संचार आदि । प्रोटीन की धातु शरीर में खुद बनाई नहीं जा सकती हैं, इसलिए उन्हें आहार के माध्यम से प्राप्त किया जाना चाहिए। ध्यान रखने वाले लोगों के लिए, धातु आधारित खाद्य पदार्थ जैसे मछली, मीट, अंडे, दुध, पनीर, दाल, मटर और सोयाबीन आदि प्रोटीन के उत्कृष्ट स्त्रोत होते हैं।
प्रोटीन परिभाषा
प्रोटीन जीव जगत में सर्वाधिक पाए जाने वाले जैव अणु हैं । प्रोटीन के प्रमुख स्रोत दूध, पनीर, दालें, मूँगपफली, मछली तथा मांस आदि हैं । यह शरीर के प्रत्येक भाग में उपस्थित होते हैं तथा जीवन का मूलभूत संरचनात्मक एवं क्रियात्मक आधार बनाते हैं । यह शरीर की वृद्धि, एवं अनुरक्षण के लिए भी आवश्यक होते हैं । प्रोटीन शब्द की व्युत्पत्ति ग्रीक शब्द ‘प्रोटियोस’ से हुई है जिसका अर्थ प्राथमिक अथवा अतिमहत्वपूर्ण होता है । सभी प्रोटीन α ऐमीनो अम्लों के बहुलक होते हैं ।
ऐमीनो अम्ल
ऐमीनो अम्ल में ऐमीनो (NH2) तथा कार्बोक्सिल (-COOH) प्रकार्यात्मक समूह उपस्थित होते हैं । कार्बोक्सिल समूह के संदर्भ में ऐमीनो समूह की आपेक्षिक स्थितियों के आधार पर ऐमीनो अम्लों को a, b, g, d आदि में वर्गीकृत किया जा सकता है । प्रोटीन के जलअपघटन से केवल α ऐमीनो अम्ल ही प्राप्त होते हैं । इनमें अन्य प्रकार्यात्मक समूह भी उपस्थित हो सकते हैं ।
सभी ऐमीनो अम्लों के रूढ नाम हैं जो इन योगिकों के गुण अथवा इनके स्रोत को पद्र प्रदर्शित करते हैं । ग्लाइसीन को उसका नाम मीठे स्वाद के कारण दिया गया है । ग्रीक भाषा में ग्लाइकोस (glykos) का अर्थ मीठा होता है तथा टाइरोसीन सर्वप्रथम पनीर से प्राप्त किया गया था । ग्रीक भाषा में टाइरोस (tyros) का अर्थ पनीर है । प्रत्येक ऐमीनो अम्ल को साधारणतः एक तीन अक्षर प्रतीक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है । कभी-कभी एक अक्षर प्रतीक का उपयोग भी किया जाता है ।
प्रोटीनों की संरचना
प्रोटीन α ऐमीनो अम्लों के बहुलक होते हैं जो आपस में पेप्टाइड आबंध अथवा पेप्टाइड बंध द्वारा जुड़े रहते हैं । रासायनिक रूप से पेप्टाइड आबंध, -COOH समूह तथा -NH2- समूह के मध्य बना एक आबंध होता है । दो एक जैसे अथवा भिन्न ऐमीनो अम्लों के अणुओं के मध्य अभिक्रिया एक अणु के ऐमीनो समूह तथा दूसरे अणु के कार्बोक्सिल समूह के मध्य संयोग से होती है । जिसके फलस्वरूप एक जल का अणु मुक्त होता है तथा पेप्टाइड आबंध -CO-NH- बनता है । चूँकि उत्पाद दो ऐमीनो अम्लों के द्वारा बनता है अतः इसे डाइपेप्टाइड कहते हैं ।
उदाहरणार्थ, जब ग्लाइसीन का कार्बोक्सिल समूह, ऐलानीन के ऐमीनो समूह के साथ संयोग करता है तो हमें एक डाइपेप्टाइड, ग्लाइसिलऐलेनीन प्राप्त होता है । यदि तीसरा ऐमीनो अम्ल, डाइपेप्टाइड से संयोग करता है तो उत्पाद ट्राइपेप्टाइड कहलाता है । एक ट्राइपेप्टाइड में तीन ऐमीनो अम्ल होते हैं जो दो पेप्टाइड बंधों द्वारा संयुक्त रहते हैं । इसी प्रकार से जब चार, पाँच, अथवा छः एमीनो अम्ल आपस में जुड़ते हैं तो परिणामी उत्पादों को टेट्रापेप्टाइड, पेन्टापेप्टाइड अथवा हैक्सापेप्टाइड कहते हैं ।
प्रोटीन का वर्गीकरण
आण्विक आकृति के आधार पर प्रोटीनों को दो वर्गों में वर्गीकरण किया जा सकता है
A.रेशेदार प्रोटीन
जब पॉलिपेप्टाइड शृंखलाएं समानांतर होती हैं तथा हाइड्रोजन एवं डाइसल्फाइड आबंधों द्वारा संयुक्त रहती हैं तो रेशासम (रेशे जैसी) संरचना बनती है । इस प्रकार के प्रोटीन सामान्यतः जल में अविलेय होते हैं । कुछ सामान्य उदाहरण किरेटिन (बाल, ऊन तथा रेशम में उपस्थित) तथा मायोसिन (मांसपेशियों में उपस्थित) आदि हैं ।
B.गोलिकाकार प्रोटीन
जब पॉलिपेप्टाइड की शृंखलाएं कुंडली बनाकर गोलाकृति प्राप्त कर लेती हैं तो ऐसी संरचनाएं प्राप्त होती हैं ये सामान्यतः जल में विलेय होती है । इन्सुलिन तथा ऐल्बूमिन इनके सामान्य उदाहरण हैं । प्रोटीनों की संरचना एवं आकृति का अध्ययन चार भिन्न स्तरों पर किया जा सकता है । प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक एवं चतुष्क संरचनाएं तथा प्रत्येक स्तर पूर्व की तुलना में जटिल होती हैं ।
प्रोटीन के स्त्रोत
प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत आहार से होते हैं। खाद्य पदार्थों में जितना अधिक प्रोटीन होगा, उतना ही शरीर को प्रोटीन की आवश्यकता पूरी करने में मदद मिलेगी । अधिकतर अंडे, मांस, मछली, दुध, पनीर, दाल, मटर, सोयाबीन और नट्स (बादाम, अखरोट, काजू आदि) प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत होते हैं। इनके अलावा, केले, अनार, ब्रोकली, ओट्समील, कुट्टू, राजमा आदि भी प्रोटीन के उत्कृष्ट स्त्रोत होते हैं ।
विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो शाकाहारी होते हैं, प्रोटीन के स्त्रोत के रूप में धान, मक्का, जौ, राजगीरा, विट्टल वेट आदि भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं । यहां यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रोटीन के स्रोत के रूप में केवल मांस या अंडे जैसी अधिक वसा वाली खाद्य पदार्थों का सेवन करना स्वस्थ नहीं होता है, इसलिए संतुलित आहार का पालन करना जरूरी होता है ।
प्रोटीन परीक्षण
हम खाद्य पदार्थ में उपस्थित प्रोटीन की उपस्थित को ज्ञात कर सकते हैं। यदि खाद्य पदार्थ ठोस है, तो इसका पेस्ट या चूर्ण बनाते हैं । अब इस चूर्ण की थोड़ी-सी मात्रा परखनली में लेकर इसमें 10 बूंदें जल की डालते हैं । इसके बाद इसमें कॉपर सल्फेट (CuSo4) की दो बूंदें तथा 10 बूंदें कास्टिक सोडा (NaOH) विलयन की डालते हैं । यदि परखनली का पदार्थ बैंगनी रंग का जाती हैं प्रोटीन उपलब्ध हैं ।
प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग
बच्चों में प्रोटीन की कमी से क्वासियोकोर एवं मेरेस्मस नामक रोग हो जाता है ।
क्वासियोकोर रोग में बच्चों के हाथ-पॉंव दुबले-पतले हो जाते हैं एवं पेट बाहर की ओर निकल आता है।
मेरैस्मस, रोग में बच्चों के शरीर की मॉंसपेषियॉं ढीली हो जाती हैं ।
प्रोटीन FAQ
1 अंडे में कितना प्रोटीन होता है
1 अंडे में 6 gram प्रोटीन होता है
सबसे ज्यादा प्रोटीन किसमें होता है
सबसे ज्यादा प्रोटीन अरहर की दाल होता है
शरीर में प्रोटीन की मात्रा कितनी होनी चाहिए
पुरुष को प्रतिदिन 50 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। वहीं, हर एक महिला को प्रतिदिन 46 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है
चना में कितना प्रोटीन होता है
चना में 19 gram प्रोटीन होता है
कौन सी सब्जी में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है
मटर, सोयाबीन, कुट्टू, दुध, पनीर, दाल, राजमा की सब्जी में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है
दूध में कौन सा प्रोटीन पाया जाता है
दूध में केसीन नामक प्रोटीन पाया जाता है 1 किलो दूध में 34 gram प्रोटीन होता है
एक केले में कितना प्रोटीन होता है
एक केले में 1.3 gram प्रोटीन होता है
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