विटामिन, विटामिन का वर्गीकरण, प्रकार, मुख्य स्रोत, रोग

विटामिन (Vitamine) दो शब्दों- Vital+amine से जुड़कर बना है क्योंकि प्रारंभ में पहचाने गए यौगिकों में ऐमीनो समूह था। लेकिन बाद के कार्यों से प्रदर्शित हुआ कि इनमें से अधिकांश में ऐमीनो समूह नहीं होता। अतः अंग्रेज़ी में लिखे शब्द का अंतिम अक्षर (e) हटा दिया गया तथा वर्तमान में विटामिन (Vitamin) शब्द का उपयोग किया जाता है।

हमारे भोजन में कुछ कार्बनिक यौगिकों की आवश्यकता सूक्ष्म मात्रा में होती है, परंतु उनकी कमी के कारण विशेष रोग हो जाते हैं। इन यौगिकों को विटामिन कहते हैं। अधिकांश विटामिनों का संश्लेषण हमारे शरीर द्वारा नहीं किया जा सकता, लेकिन पौधे लगभग सभी विटामिनों का संश्लेषण कर सकते हैं। अतः इन्हें आवश्यक आहार कारक माना गया है। यद्यपि आहारनली के बैक्टीरिया हमारे लिए आवश्यक कुछ विटामिनों को उत्पन्न कर सकते हैं।

सामान्यतः हमारे आहार में सभी विटामिन उपलब्ध रहते हैं। विभिन्न विटामिन भिन्न श्रेणियों से संबंधित होते हैं, अतः इन्हें संरचना के आधार पर परिभाषित करना कठिन है। इन्हें सामान्यतः इस प्रकार विचारित किया जाता है कि ये विशिष्ट जैविक क्रियाओ के संपन्न होने के लिए हमारे आहार में आवश्यक वे कार्बनिक पदार्थ हैं, जिनसे जीव की इष्टतम वृद्धि एवं स्वास्थ्य का सामान्य रखरखाव होता है। विटामिनों को A, B, C, D, आदि अक्षरों के द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। इनमें से कुछ को पुनः उपवर्गों उदाहरणार्थ B1, B2, B6, B12, आदि में नाम दिया गया है। विटामिन का आधिक्य भी हानिकारक होता है। अतः चिकित्सक के परामर्श के बिना विटामिन की गोली नहीं लेनी चाहिए।

विटामिन

वे कार्बनिक यौगिक, जो अतिअल्प मात्रा में मनुष्य एवं जन्तुओं के सामान्य स्वस्थ शरीर की वृद्धि व पोशण तथा जीवन के लिए आवश्यक होते हैं। अतिरिक्त आहार कारक या विटामिन कहलाते हैं। इन्हें विटामिन नाम फंक ने दिया था। विटामिनों की कमी से अनेक रोग हो जाते हैं। इन रोगों को एविटामिनोसिस कहते हैं। अधिक मात्रा में विटामिन लेना भी हानिकारक होता है। इस अवस्था को हाइपरविटामिनोसिस कहते हैं। ड्मण्ड ने सन् 1920 में विटामिनों का अक्षर क्रम में नाम रखने का विचार रखा। विटामिनों को दो समूहों में वर्गीकृत किया गया है।

विटामिनों का वर्गीकरण

जल तथा वसा में विलेयता के आधार पर विटामिनों को दो समूहों में वर्गीकृत किया गया है

1. वसा विलेय विटामिन

इस वर्ग में उन विटामिनों को रखा गया है, जो वसा तथा तेल में विलेय होते हैं परंतु जल में अविले य। ये विटामिन A, D, E, तथा K हैं। ये यकृत तथा वसा संग्रहित करने वाला ऊतक में संग्रहित रहते हैं।

2. जल में विलेय विटामिन

B वर्ग के विटामिन तथा विटामिन C जल में विलेय होते हैं। अतः इन्हें एक साथ इस वर्ग में रखा गया है। जल में विलेय विटामिनों की पूर्ति हमारे आहार में नियमित रूप से होनी चाहिए, क्योंकि ये आसानी से मूत्र के साथ उत्सर्जित हो जाते हैं तथा इन्हें हमारे शरीर में संचित नहीं किया जा सकता है।

विटामिन के प्रकार

विटामिन कुल मिलाकर 13 प्रकार के होते हैं। इनमें से चार विटामिन लिपोसोमल होते हैं, यानी वे तरल होते हैं और शरीर में तत्काल अस्तित्व नहीं रखते हैं बाकी नौ विटामिन हैं जो हमारे शरीर में स्थाई रूप से संचित होते हैं।13 प्रकार के विटामिन निम्नलिखित हैं

  1. विटामिन A ( रेटिनॉल)
  2. विटामिन B1 (थायमिन)
  3. विटामिन B2 (रिबोफ्लाविन)
  4. विटामिन B3 (निकोटिनेमाइड)
  5. विटामिन B5 (पैंथोथेनिक एसिड)
  6. विटामिन B6 (पाइरिडॉक्सीन)
  7. विटामिन B7 (बियोटिन)
  8. विटामिन B9 (फोलिक एसिड)
  9. विटामिन B12 (कोबालामिन)
  10. विटामिन C (एस्कॉर्बिक अम्ल)
  11. विटामिन D (कैल्सिफेरॉल)
  12. विटामिन E (टेकोफेरॉल्स)
  13. विटामिन K (फाइटोनैडियोन)

विटामिन के मुख्य स्रोत

विभिन्न प्रकार के विटामिनों के लिए अलग-अलग स्रोत होते हैं। कुछ मुख्य विटामिनों के स्रोत निम्नलिखित हैं

  1. विटामिन A- अंडे, गाजर, स्पिनेच, मखाने, सीटी, मेथी और मूली जैसे पौष्टिक फल और सब्जियां।
  2. विटामिन B – अन्न, दूध, मछली, अंडे, दालें, गेहूँ, चावल, आटे के नलिका, अंजीर, अखरोट और किशमिश जैसी आहारिक चीजें।
  3. विटामिन C – नींबू, संतरा, अमरूद, आम, आंवला, सभी प्रकार के टमाटर, फलों और सब्जियों जैसे खट्टे-मीठे फल।
  4. विटामिन D – सूरज की किरणों से प्राप्त किया जा सकता है, अलास्कन सामुद्रिक मछली, ताजा दूध, दूध के उत्पाद, अंडे और शरीर में विटामिन D के स्त्रोत के रूप में विटामिन सप्लीमेंट्स।
  5. विटामिन E – अलसी के बीज, सोयाबीन, सफेद मक्खन, बादाम, मक्खन, गेहूं, मूंगफली, खजूर, सोनफली और तिल जैसी खाद्य पदार्थ।
  6. विटामिन K – हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, कैबेज, स्पिनेच।

विटामिन की कमी से होने वाले रोग

विटामिन की कमी से होने रोग निम्नलिखित हैं

  1. रिकेट्स- विटामिन डी की कमी से उत्पन्न होने वाला रोग जो बच्चों में होता है।
  2. बेरी-बेरी- विटामिन बी1 (थायमिन) की कमी से उत्पन्न होने वाला रोग।
  3. स्कोर्ब्यूटक रोग- विटामिन सी की कमी से उत्पन्न होने वाला रोग।
  4. नाइट ब्लाइंडनेस- विटामिन ए की कमी से उत्पन्न होने वाला रोग।
  5. जिंगा- विटामिन बी3 की कमी से उत्पन्न होने वाला रोग।
  6. ओस्टिओपोरोसिस- विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से उत्पन्न होने वाला रोग।

विटामिन FAQ

एनीमिया किस विटामिन की कमी से होता है

एनीमिया विटामिन B12 की कमी से होता है ।

विटामिन ए की कमी से कौन सा रोग होता है

विटामिन ए की कमी से रतौंधी रोग होता है ।

विटामिन सी की कमी से कौन सा रोग होता है

विटामिन सी की कमी से स्कर्वी (मसूड़ों से रक्त बहना) रोग होता है ।

मधुमेह रोग किस विटामिन की कमी से होता है

मधुमेह रोग विटामिन डी की कमी से होता है । विटामिन डी के लिए सूर्य का प्रकाश, मछली, अंडे का पीतक खाने चाहिए ।

विटामिन बी की कमी से कौन सा रोग होता है

विटामिन बी की कमी से बेरी-बेरी रोग होता है । विटामिन बी के लिए अन्न, दूध, मछली, अंडे, दालें, गेहूँ, चावल, आटे के नलिका, अंजीर, अखरोट और किशमिश जैसी आहारिक चीजें खाने चाहिए ।

सबसे ज्यादा विटामिन सी किसमें होता है

सबसे ज्यादा विटामिन सी आंवले में होता है, विटामिन सी के लिए अधिक मात्रा में आंवला, नींबू, संतरा, अमरूद, आम खाने चाहिए ।

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