वाक्य किसे कहते हैं- शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं। वक्ता के अर्थ को पूर्ण रूप से स्पष्ट करने वाले शब्द समूह को वाक्य कहते है। भाषा की सबसे छोटी ईकाई होती है, वर्ण और वर्णो के सार्थक समूह से शब्द निर्मित होते हैं व शब्दों के सार्थक समूह से वाक्य। अर्थात् अगर शब्दों के सार्थक क्रम को बदल दिया जाए तो वक्ता का अभिप्राय स्पष्ट नहीं हो सकेगा।अर्थ के सम्प्रेषण की दृष्टि से भाषा की पूर्ण इकाई वाक्य है। संरचना की दृष्टि से पदों का सार्थक समूह ही वाक्य है। जैसे-
- विभा छत के ऊपर खड़ी है।
- क्रम बदलनेपर- छत है विभा के ऊपर खड़ी
वाक्य के अंग
मुख्यतः वाक्य के दो अंग होते हैं। उद्देश्य तथा विधेय
2. उद्देश्य- वाक्य में जिसके संबंध में कुछ कहा जाता है उसे उद्देश्य कहते हैं। वाक्य में कर्ता उद्देश्य होता है।
यथा-1.दादाजी ने पूजा की। 2.लड़के खेल रहे हैं।
इन वाक्यों में दादाजी व लड़कों के बारे में बताया जा रहा है अर्थात ये दोनों उद्देश्य हैं।
2. विधेय- उद्देश्य अर्थात् कर्ता के संबंध में वाक्य में जो कुछ भी जाता है वह विधेय होता है।
यथा-1.मोर नाच रहा है। 2.बालक दूध पी रहा है।
वाक्य के भेद
क्रिया, अर्थ तथा रचना के आधार पर वाक्यों के अनेक भेद व उनके प्रभेद किए गए है।
A. रचना के आधार पर वाक्य के भेद
रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते है
1.सरल वाक्य
2.मिश्र या मिश्रित वाक्य
3.संयुक्त वाक्य
1. सरल वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में एक उद्देश्य व एक ही विधेय होता है, उसे साधारण या सरल वाक्य कहते हैं। अर्थात् एक कर्ता व एक ही क्रिया होती है। जैसे- मैं जाता हॅू।
2. मिश्र/मिश्रित वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में एक मुख्य उपवाक्य हो तथा उसके साथ अन्य आश्रित उपवाक्य हों उसे मिश्र वाक्य कहते हैं। मिश्र वाक्य व उप वाक्यों को जोड़ने का काम समुच्चयबोधक अव्यय करते हैं।(चूँकि, क्योंकि, जब, तब, अर्थात्, यदि, तो, ताकि, तदापि)। जैसे-
वे मेरे घर आएंगे, क्योकि उन्हें अजमेर शहर घूमना है।
वे मेरे घर आएंगे (प्रधान वाक्य), क्योंकि (योजक), उन्हें अजमेर शहर घूमना है। (आश्रित उप वाक्य) मैं जानता हूँ कि तूम्हें अजमेर जाना है।
3. संयुक्त वाक्य वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में दो या दो से अधिक साधारण वाक्य या प्रधान उपवाक्य या समानिाधिकरण उपवाक्य किसी संयोजक शब्द ( तथा, एवं, या, अथवा, और, लेकिन, किंतु, बल्कि, अतः आदि) से जुडे़ हों, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं जैसे- भरत आया किंतु भूपेन्द्र चला गया।
(सामानाधिकरण वाक्य- ऐसे उपवाक्य जो प्रधान उपवाक्य या आश्रित उपवाक्य के समान अधिकार वाले हों उन्हें सामानाधिकरण उपवाक्य कहते हैं।)
B. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद हैं
1. विधानवाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में किसी काम या बात का होना पाया जाता है, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है। जैसे-
- मै खाता हूँ (काम का होना)।
- शगुन मेरी सहेली है (बात का होना)।
2. निषेधात्मक वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में किसी बात के न होने या काम के अभाव या नहीं होने का बोध हो, वह निषेधात्मक वाक्य कहलाता है। जैसे-
- सड़क पर मत भागो।
- अनुष्क घर पर नहीं है।
3. प्रश्नवाचक वाक्य किसे कहते हैं
प्रश्न का बोध कराने वाला वाक्य अर्थात् जिस वाक्य का प्रयोग प्रश्न पूछने में किया जाए उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
- आप कहॉ जा रहे हैं?
- तुम क्या खेल रहे हो?
4. आज्ञावाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में आज्ञा, अनुमति, उपदेश व विनय का बोध हो, वह आज्ञार्थक/आज्ञावाचक वाक्य कहलाता है। जैसे-
- अनुष्क अपना कमरा साफ करो।
- अयन इस कुरसी पर बैठो।
5. विस्मयादिबोधक वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में हर्ष, शोक, घृणा वा विस्मय आदि भाव प्रकट होते है, वह विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता है। जैसे-
- अरे! यह क्या हो गया!
- वाह! कितना सुंदर दृश्य है!
6. इच्छावाचक वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में किसी आशीर्वाद, इच्छा कामना का बोध हो, उसे इच्छावाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
- ईश्वर सबका भला करे!
- आपका जीवन सुखमय हो!
7. संभावनार्थक वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में किसी काम के पूरा होने में संदेह या संभावना का भाव प्रकट हो, उसे संदेहवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
- शायद वे कल आएँ।
- हो सकता है कल तक मौसम ठीक हो जाए।
8. संकेतार्थक वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में संकेत या शर्त हो वह संकेतार्थक वाक्य कहलाता है। जैसे-
- यदि तुम आओ तो मैं चलूँ।
- वर्षा न होती तो, फसल सूख जाती।
C. क्रिया के आधार पर
क्रिया के अनुसार वाक्य तीन प्रकार के होते हैं
1.कर्तृवाच्य वाक्य किसे कहते हैं
जब वाक्य क्रिया का संबंध सीधा कर्ता से होता है व क्रिया के लिंग, वचन, कर्ता कारक के अनुसार प्रयुक्त होते हैं, उसे कर्तृवाच्य वाक्य कहते हैं।
कर्तृवाच्य वाक्य के उदाहरण
- सीता गाना गा रही है
- अनुष्क गाना गा रहा है।
2. कर्मवाच्य वाक्य किसे कहते हैं
जब वाक्य में कर्म को केंद्र में रखकर कथन किया जाता है तथा कर्ता को करण कारक में बदल दिया जाता है। उसे कर्मवाच्य वाक्य कहा जाता है।
कर्मवाच्य वाक्य के उदाहरण
- श्रेया द्वारा खेल खेला गया।
- अयन के द्वारा दूध पीया गया।
3. भाववाच्य वाक्य किसे कहते हैं
जब वाक्य में क्रिया कर्ता व कर्म के अनुसार प्रयुक्त न होकर भाव के अनुसार होती है तो उसे भाववाच्य वाक्य कहते हैं।
भाववाच्य वाक्य के उदाहरण
- शगुन से पढ़ा नहीं जाता ।
- अक्षिता से पढ़ा नहीं जाता ।
वाक्य के आवश्यक तत्व
1.सार्थकता- वाक्य में हमेशा सार्थक शब्दों का ही प्रयोग होना चाहिए।
जैसे- मै आप सबको धन्यवाद देना चोहता हूँ।
2.पदक्रम- वाक्य का सही अर्थ ग्रहण करने के लिए एक निश्चित क्रम होना चाहिए, यदि क्रम बदल जाता है तो कथन का अर्थ बदल जाता है।
जैसे- बच्चे को काटकर फल दो।
सही क्रम -फल काटकर बच्चे को दो।
3.निकटता- पदों के बीच अगर अंतर रहता है तो वह अर्थ ग्रहण में बाधक रहता है। इसलिए वाक्य के पदों में परस्पर निकटता होना अनिवार्य है। वाक्य में स्वाभाविक ठहराव की आवश्यकता होती है पंरतु प्रत्येक शब्द के बाद ठहरना या रूक रूककर बोलना अशुद्ध होता है।
जैसे- उसने…….मेरा……..गाना……….सुना। (उसने मेरा गाना सुना)
4.पूर्णता- वाक्य अपने आप में पूर्ण होना चाहिए इसमें शब्दों की कमी होने से अर्थ का अनर्थ हो जाता है।
जैसे- कमल पीता है।
शुद्ध- कमल दूध पीता है।
वाक्य किसे कहते हैं MCQ
Q.1- संयोजक शब्द से जुड़े हुए एक से अधिक साधारण वाक्य को क्या कहते हैं?
A. जटिल वाक्य
B. मिश्र वाक्य
C. साधारण वाक्य
D. संयुक्त वाक्य
Q.2- वाक्य के मुख्य अंग होते हैं?
A. पॉच
B. दो
C. चार
D. सात
Q.3- अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?
A. तीन
B. पॉच
C. आठ
D. सात
Q.4- अरे! यह क्या हो गया ’ कौन सा वाक्य है?
A. निषेधात्मक
B. प्रश्नवाचक
C. आज्ञावाचक
D. विस्मायादिबोधक