डिस्लेक्सिया क्या है, पहचान, उपचार अधिगम अयोग्यता

डिस्लेक्सिया शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्द डस और लेक्सिस से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है कठिन भाषा। वर्ष 1887 में जर्मन नेत्र रोग विशेषज्ञ रूडोल्फ बर्लिन द्वारा खोजे गए इस शब्द को शब्द अंधता भी कहा जाता है। डिस्लेक्सिया को भाषायी और सांकेतिक कोडो भाषा की ध्वनियों को प्रतिनिधित्व करने वाले वर्णमाला के अक्षरों या संख्याओं का प्रतिनिधित्व कर रहे अंकों के संसाधन में होने वाली कठिनाई के रूप में परिभाषा किया जाता है। यह भाषा के लिखित रूप, मौखिक रूप एवं भाषायी दक्षता को प्रभावित करता है। यह अधिगम का सबसे सामान्य प्रकार है।

अधिगम अयोग्यता

कुछ छात्र पढ़ने, लिखने, मौखिक अभिव्यक्ति, शब्द की वर्तनी करने, गणित एवं तर्कशक्ति को समझने आदि में अयोग्य अथवा कमजोर होते हैं। इस प्रकार की अयोग्यता को ही अधिगम अयोग्यता कहा जाता है। अधिगम अयोग्यता को एक वृहद् प्रकार के कई आधारों पर विभेदीकृत किया गया है। ये सारे विभोदीकरण उपने उद्देश्यों के अनुकूल हैं। इसका प्रमुख विभेदीकरण ब्रिटिश कोलम्बिया 2011 एवं ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक सपोर्टिंग स्टूडेंट्स विद लर्निंग डिसएबलिटि ए गाइड फॉर टीचर्स में दिया गया है, जो निम्नलिखित हैं

1. डिस्लेक्सिया

डिस्लेक्सिया एक व्यापक शब्द है, जिसका सम्बन्ध पठन विकार से है। इस अधिगम अयोग्यता में बालक को पढ़ने में कठिनाई होती है, डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चे ‘saw’ और ‘was’, ‘nuclear’ और ‘unclear’ में अन्तर नहीं कर पाते।

डिस्लेक्सिया के लक्षण

  • वर्णमाला अधिगम में कठिनाई
  • अक्षरों की ध्वनियों को सीखने में कठिनाई
  • एकाग्रता में कठिनाई
  • पढ़ते समय स्वर वर्णों का लोप होना
  • शब्दों को उल्टा या अक्षरों का क्रम इधर उधर कर पढ़ा जाना
  • जैसे-नाम को मान या शावक को शाक पढ़ा जाना, वर्तनी दोष से पीड़ित होना
  • समान उच्चारण वाली ध्वनियों को न पहचान पाना
  • शब्दकोष का अभाव
  • भाषा के अर्थपूर्ण प्रयोग का अभाव
  • क्षीण स्मरण शक्ति

डिस्लेक्सिया की पहचान

उर्पयुक्त लक्षण हालॉकि डिस्लेक्सिया की पहचान करने में उपयोगी होते हैं, लेकिन इन लक्षणों के आधार पर पूर्णतः विश्वास के साथ किसी भी व्यक्ति को डिस्लेक्सिक घोषित नहीं किया जा सकता है। डिस्लेक्सिया की पहचान करने के लिए सन् 1973 में अमेरिकन फिजिशियन एलेना बोडर ने बोड टेस्ट ऑफ रीडिंग स्पेलिंग पैटर्न नामक एक परीक्षण का विकास किया। भारत में इसके लिए डिस्लेक्सिया अर्ली स्क्रीनिंग टेस्ट और डिस्लेक्सिया स्क्रीनिंग टेस्ट का प्रयोग किया जाता है।

डिस्लेक्सिया का उपचार

डिस्लेक्सिया का पूर्ण उपचार असम्भव है, लेकिन इसको उचित शिक्षण अधिगम पद्धति के द्वारा निम्नतम स्तर पर लाया जा सकता है।

2. डिस्ग्राफिया

डिस्ग्राफिया अधिगम अक्षमता का वह प्रकार है, जो लेखन क्षमता को प्रभावित करता है। यह वर्तनी सम्बन्धी कठिनाई, खराब हस्तलेखन एवं अपने विचारों को लिपिबद्ध करने में कठिनाई के रूप में जाना जाता है।

डिस्ग्राफिया के लक्षण

  • लिखते समय स्वयं से बातें करना
  • अशुद्ध वर्तनी एवं अनियमित रूप और आकार वाले अक्षर को लिखना
  • पठनीय होने पर भी कॉपी करने में अत्यधिक श्रम का प्रयोग करना
  • लेखन सामग्री पर कमजोर पकड़ या लेखन सामग्री को कागज के बहुत नजदीक पकड़ना
  • अपठनीय हस्तलेखन
  • लाइनों का ऊपर-नीचे लिखा जाना एवं शब्दों के बीच अनियमित स्थान छोड़ना
  • अपूर्ण अक्षर या शब्द लिखना

डिस्ग्राफिया उपचारात्मक कार्यक्रम

चूँकि यह एक लेखन सम्बन्धी विकास है। अतः इसके उपचार के लिए यह आवश्यक है कि, इस अधिगम अक्षमता से ग्रसित व्यक्ति को लेखन का ज्यादा-से-ज्यादा अभ्यास कराया जाए।

3. डिस्कैलकुलिया

यह एक व्यापक पद है, जिसका प्रयोग गणितीय कौशल अक्षमता के लिए किया जाता है। इसके अंतर्गत अंकों, संख्याओं के अर्थ समझने की अयोग्यता से लेकर अंकगणितीय समस्याओं के समाधान में सूत्रों एवं सिद्धांतों के प्रयोग की अयोग्यता तथा सभी प्रकार की गणितीय कौशल अक्षमता शामिल है । इसे न्यूमलेक्सिया भी कहा जाता है।

डिस्कैलकुलिया के लक्षण

  • नाम एवं चेहरा पहचानने में कठिनाई
  • अंकगणितीय संक्रियाओं के चिन्हों को समझने में कठिनाई
  • अंकगणितीय संक्रियाओं के अशुद्ध परिणाम मिलना
  • गिनने के लिए ऊॅगलियों का प्रयोग
  • वित्तीय योजना या बजट बनाने में कठिनाई
  • चैक बुक के प्रयोग में कठिनाई
  • दिशा ज्ञान का अभाव या अल्प समझ
  • नकद अंतरण या भुगतान से डर

डिस्कैलकुलिया के कारण

इसका कारण मस्तिष्क में उपस्थित कार्टेक्स की कार्य-विरूपता को माना जाता है। कभी-कभी तार्किक चिंतन क्षमता के अभाव के कारण या कार्यकारी स्तृति के अभाव के कारण भी डिस्ग्राफिया उत्पन्न होता है।

डिस्कैलकुलिया का उपचार

  • उचित शिक्षण अधिगम रणनीति अपनाकर डिस्कैलकुलिया को कम किया जा सकता है। जीवन की वास्तविक परिस्थितियों से सम्बन्धित उदाहरण प्रस्तुत करना।
  • गणितीय तथ्यों को याद करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करना।
  • फ्लैश कार्ड्स और कम्प्युटर गेम्स का प्रयोग करना।
  • गणित को सरल करना और यह बताना कि यह एक कौशल है जिसे अर्जित किया जा सकता है।

4. डिस्फैसिया

ग्रीक भाषा के दो शब्दों डिस और फासिया जिनके शाब्दिक अर्थ क्रमशः अक्षमता एवं वाक् होते हैं से मिलकर बने शब्द डिस्फैसिया का शाब्दिक अर्थ वाक् अक्षमता से है। यह एक भाषा एवं वाक् सम्बन्धी विकृती है जिससे ग्रसित बच्चे विचार की अभिव्यक्ति या व्याख्यान के समय कठिनाई महसूस करते हैं। इस अक्षमता के लिए मुख्य रूप से मस्तिष्क क्षति को उत्तरदायी माना जाता है।

5. डिस्प्रक्सिया

यह मुख्य रूप से चित्रांकन सम्बन्धी अक्षमता की ओर संकेत करता है। इससे ग्रसित बच्चे लिखने एवं चित्र बनाने में कठिनाई महसूस करते हैं।

6. अप्रेक्सिया

अप्रेक्सिया ऐसा शारीरिक विकार है, जिसके कारण व्यक्ति मांसपेशियों के संचालन से सम्बद्ध सूक्ष्म गतिक कौशल जैसे-लिखने, चलने, टहलने, बोलने में निपुण नहीं हो पाता है।

7. अलेक्सिया

मस्तिष्क में किसी प्रकार की क्षति के कारण पढ़ने में असमर्थता को ‘एलेक्सिया’ कहते हैं। इसे शब्द अंधता या पाठ्य अंधता या विजुल अफेज्या भी कहा जाता है।

8. डिस्थीमिया

डिस्थीमिया गम्भीर तनाव की अवस्था को कहा जाता है। इस मनोविकार का प्रतिकूल प्रभाव बालक के अधिगम पर पड़ता है। डिस्थीमिया की अवस्था में व्यक्ति की मन:स्थिति हमेशा निम्न रहती है।

9. डिस्मोरफिया

डिस्मोरफिया एक ऐसा मनोविकार है, जिसमें व्यक्ति को यह भ्रम हो जाता है कि उसके शरीर के कुछ अंग बहुत छोटे या अपूर्ण हैं। वह अपने शरीर के विभिन्न अंगों की तुलना लोगों से करने लगता है, इसका प्रतिकूल प्रभाव उसके अधिगम पर पड़ता है।

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