समास किसे कहते हैं समास के भेद उदाहरण सहित लिखिए

दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को समास कहते हैं। समास का शब्दिक अर्थ है संक्षेप।जैसे वातावरण का समास होगा- तत्पुरुष। समास के 6 भेद हैं।

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समास विग्रह

समस्त पद के सभी पदों को अलग-अलग किए जाने की प्रक्रिया समास-विग्रह या व्यास कहलाती है। जैसे- नीलकमल का विग्रह- नीला है जो कमल। चौराहा का विग्रह है- चार राहों का समूह

पदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण

पूर्वपद प्रधान- अव्ययीभाव             

उत्तरपद प्रधान- तत्पुरुष, कर्मधारण्य व द्विगु

दोनों पद प्रधान- द्वंद्व

दोनों ही पद अप्रधान बहुव्रीहि- इसमें कोई तीसरा अर्थ प्रधान होता

समास के भेद

समास के 6 भेद हैं

1.अव्ययीभाव समास

जिस पद का पहला पद पूर्वपद अव्यय तथा प्रधान हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
जैसे-पहला पद अनु, आ, प्रति, भर, यथा, यावत हर, आदि होता है।

अव्ययीभाव समास के उदाहरण

पूर्वपद + अव्यव    उत्तरपद       समस्तपद विग्रह
प्रति + दिन        प्रतिदिन          प्रत्येक दिन
यथा + संभव     यथासंभव         जैसा संभव हो
हाथ + हाथ        हाथों-हाथ        हाथ ही हाथ में

2.तत्पुरुष समास

जिस समास में बाद का अथवा उत्तरपद प्रधान होता है तथा दोनों पदों के बीच का कारक -चिन्ह लुप्त हो जाता है उसे तत्पुरुष समास कहते हैं, इसमें कारक के विभक्ति चिह्नों का लोप हो जाता है (कर्ता व संबोधन कारक को छोड़कर) इसलिए छह कारकों के आधार पर तत्पुरुष समास के भी छः भेद किए गए हैं।

(क). कर्म तत्पुरूष समास- ‘को’ विभक्ति चिह्नों का लोप

समस्त पद                  समास विग्रह

ग्रामगत                     ग्राम को गया हुआ

पद प्राप्त                    पद को प्राप्त

सर्वप्रिय                     सर्व को प्रिय

यषप्राप्त                     यष को प्राप्त

शरणागत                   शरण को आया हुआ

सर्वप्रिय                     सभी को प्रिय

(ख). करण तत्पुरूष समास- ‘से’ चिह्न का लोप होता है

भावपूर्ण                    भाव से पूर्ण

बाणाहत                   बाण से आहत

हस्तलिखित               हस्त से लिखित

बाढ़पीड़ित                 बाढ़ से पीड़ित

(ग). संप्रदान तत्पुरूष समास- ‘के लिए’ चिह्न का लोप

गुरूदक्षिणा                 गुरू के लिए दक्षिणा

राहखर्च                     राह के लिए खर्च

बालामृत                    बालकों के लिए अमृत

युद्धभूमि                    युद्ध के लिए भूमि

विद्यालय                   विद्या के लिए आलय

(द्य). अपादान तत्पुरूष समास- ‘से पृथक या अलग के लिए चिह्न का लोप

देशनिकाला                 देश से निकाला

बंधनमुक्त                    बंधन से मुक्त

पथभ्रष्ट                       पथ से भ्रष्ट

ऋणमुक्त                     ऋण से मुक्त

(ड). संबंध तत्पुरूष कारक समास- ‘का’, ‘के’, ‘की’ चिह्नों का लोप

गंगाजल                     गंगा का जल

नगरसेठ                     नगर का सेठ

राजमाता                    राजा की माता

जलधारा                    जल की धारा

मतदाता                     मत का दाता

(च). अधिकरण तत्पुरूष समास- ‘में’, ‘पर’ चिह्नों का लोप

जलमन                      जल में मग्न

आपबीती                   आप पर बीती

सिरदर्द                       सिर में दर्द

घुड़सवार                    घोडे़ पर सवार

3.कर्मधारय समास

जिस समस्त-पद का उत्तरपद प्रधान हो तथा पूर्वपद व उत्तरपद में उपमान-उपमेय
अथवा विशेषण विषेश्य संबंध हो, कर्मधारय समास कहलाता है। पहचान- विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में है जो के समान आदि आते हैं।

कर्मधारय समास के उदाहरण
विग्रह                          समस्त पद
कमल के समान चरण –     चरणकमल
क्रोध रूपी अग्नि       –      क्रोधाग्नि
नीला है जो कंठ        –      नीलकंठ

4.द्विगु समास

जिस समस्त-पद का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण हो, वह द्विगु समास कहलाता है। इसमें समूह या समाहार का ज्ञान होता है।

द्विगु समास के उदाहरण
विग्रह                        समस्त-पद
सात सिंधुओं का समूह       सप्तसिंधु
तीन रंगों का समूह             तिरंगा
तीनों लोकों का समाहार      त्रिलोक

5.द्वंद्व समास

जिस समस्त-पद के दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर और अथवा, या एवं लगता हो वह द्वंद्व समास कहलाता है,
पहचान-दोनों पदों के बीच प्राय, योजक चिह्न (-) का प्रयोग होता है।

द्वंद्व समास के उदाहरण
विग्रह                   समस्त पद
पाप और पुण्य            पाप-पुण्य
नर और नारी              नर-नारी
खरा या खोटा            खरा-खोटा
राधा और कृश्ण         राधा-कृश्ण

6.बहुब्रीहि समास

जिस समस्त-पद में कोई पद प्रधान नहीं होता दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं उसमें बहुब्रीहि समास होता है । जैसे- ‘नीलकंठ’ नीला है कंठ जिसका अर्थात् भगवान शिव । यहां पर दोनों पदों ने मिलकर एक तीसरे पद ‘शिव’ का संकेत किया है।

बहुब्रीहि समास के उदाहरण
समस्त-पद           विग्रह
लंबोदर              लंबा है उदर जिसका (भगवान गणेश)
प्रधानमंत्री           मंत्रियों में प्रधान है जो (प्रधानमंत्री)
मृत्युंजय             मृत्यु को जीतने वाला (भगवान शंकर)

विभिन्न समासों में अंतर

प्रायः यह देखा जाता है कि कुछ समासों में कुछ विशेषताएँ समान पाई जाती है लेकिन फिर भी उनमें मौलिक अंतर होता है। समान प्रतीत होने वाले समासों के अंतर को वाक्य में भिन्न प्रयोग के कारण समझा जा सकता है। कुछ शब्दों में दो अलग-अलग समासों की विशेषताएँ दिखाई पड़ती हैं।

कर्मधारय और बहुब्रीहि समास में अंतर

कर्मधारय समास में दोनों पदों में विशेषण- विशेष्य तथा उपमान-उपमेंय का संबंध होता है लेकिन बहुब्रीहि समास में दोना पदों का अर्थ प्रधान न होक ‘अन्यार्थ’ प्रधान होता है। जैसे-मृगनयन-मुग के समान नयन (कर्मधारय) तथा नीलकंठ- वह जिसका कंठ नीला है- शिव अर्थात ‘शिव’ अन्यार्थ लिया गया है (बहुब्रीहि समास)

बहुब्रीहि व द्विगु समास में अंतर

द्विगु समास में पहला पद संख्यावाचक होता है और समस्त पद समुह का बोध कराता है लेकिन बहुब्रीहि समास में पहला पद संख्यावाचक होने पर भी समस्त पद से समूह का बोध न होकर अन्य अर्थ का बोध कराता है। जैसे- चौराहा अर्थात चार राहों का समूह (द्विगु समास), चतुर्भुज- चार हैं भुजाएँ जिसके (विष्णु) अन्यार्थ (बहुब्रीहि समास)

संधि और समास में अंतर

संधि में दो वर्णो या ध्वनियों का मेल होता है पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की आरंभिक ध्वनि में परिवर्तन आ जाता है, जैसे-‘लंबोदर’ में ‘लंबा’ शब्द की अंतिम ध्वनि ‘आ’ और ‘उदर’ शब्द की आरंभिक ध्वनि ‘उ’ में ‘आ’ व ‘उ’ के मेल से ‘ओ’ ध्वनि में परिवर्तन हो जाता है। इस प्रकार संधि में दो या दो से अधिक शब्दों की कमी न होकर ध्वनियों का मेल होता है किंतु समास में ‘लंबोदर’ का अर्थ ‘लंबा है उदर जिसका’ शब्द समूह बनाता है। अतः समास में मूलतः शब्दों का योग होता है जिसका उद्देश्य पद में संक्षिप्तता लाना है।

समास महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न.1-  वातावरण का समास होगा?

(क) कर्मधारय

(ख) द्वंद

(ग) तत्पुरुष

(घ) बहुव्रीहि

उत्तर- (ग) तत्पुरुष समास

प्रश्न.2- नगपति का विग्रह और समास होगा

(क) नगों का पति है जो, ऐसा-बहुव्रीहि

(ख) रत्नों नगों का पति-तत्पुरुष

(ग) नगों पर्वतों का पति है जो-कर्मधारय

(घ) नगों पर्वतों का पति-तत्पुरुष

उत्तर- (घ) नगों पर्वतों का पति-तत्पुरुष

प्रश्न.3- समास की दृष्टि से कौन सा पद शेष से भिन्न है?

(क) दिन-प्रतिदिन

(ख) भाषा-शिक्षण

(ग) अर्थ-ग्रहण

(घ) युग-चेतना

उत्तर- (क) दिन-प्रतिदिन

प्रश्न.4- समास की दृष्टि से कौन सा पद शेष से भिन्न है?

(क) अपनी-अपनी

(ख) रहन-रहन

(ग) खान-पान

(घ) मिलना-जुलना

उत्तर- (क) अपनी-अपनी

प्रश्न.5- देशभक्ति में कौन-सा समास है?

(क) तत्पुरुष समास

(ख) द्विगु समास

(ग) कर्मधारय समास

(घ) द्वंद समास

उत्तर- (क) तत्पुरुष समास

प्रश्न.6- चौराहा शब्द में कौन-सा समास है?

(क) द्विगु समास

(ख) द्वंद समास

(ग) तत्पुरुष समास

(घ) बहुव्रीहि समास

उत्तर- (क) द्विगु समास

प्रश्न.7- माता-पिता में समास है?

(क) द्विगु समास

(ख) कर्मधारय समास

(ग) द्वन्द्व समास

(घ) बहुव्रीहि समास

उत्तर- (ग) द्वन्द्व समास

प्रश्न.8- स्त्री- पुरुष मे प्रयुक्त समास है?

(क) अव्यीयभाव समास

(ख) कर्मधारय समास

(ग) द्विगु समास

(घ) द्वंद्व समास

उत्तर- (घ) द्वंद्व समास

समास किसे कहते हैं FAQ

समास के कितने भेद हैं

समास के 6 भेद हैं

दशानन का समास विग्रह

दशानन का समास विग्रह- दस हैं आनन जिसके – रावण (बहुब्रीहि समास)

प्रतिदिन का समास विग्रह

प्रतिदिन का समास विग्रह- प्रत्येक दिन (अव्ययीभाव समास)

पीताम्बर का समास विग्रह

पीताम्बर का समास विग्रह- पीत है अम्बर जिसका – कृष्ण (बहुब्रीहि समास)

पंचवटी में कौन सा समास है

पंचवटी में द्विगु समास है

चौराहा में कौन सा समास है

चौराहा में द्विगु समास है

नीलकंठ में कौन सा समास है

नीलकंठ में बहुब्रीहि समास है

नीलकमल का समास विग्रह

नीलकमल का समास विग्रह- नीला है जो कमल (कर्मधारय समास)

देशांतर में कौन सा समास है

देशांतर में तत्पुरुष समास है

त्रिवेणी में कौन-सा समास है

त्रिवेणी में द्विगु समास है

आजन्म का समास विग्रह

आजन्म का समास विग्रह- जिसका जन्म न हुआ हो (अव्यीयभाव समास)

चौराहा का समास विग्रह

चौराहा का समास विग्रह- चार राहों का समाहार (द्विगु समास)

चतुर्भुज में कौन सा समास है

चतुर्भुज में द्विगु समास है

माता-पिता में कौन सा समास है

माता-पिता में द्वंद्व समास समास है

भरपेट में कौन सा समास है

भरपेट में अव्ययीभाव समास समास है

पीताम्बर में कौन सा समास है

पीताम्बर में बहुब्रिही समास समास है

प्रतिदिन में कौन सा समास है

प्रतिदिन में व्ययीभाव समास समास है

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